वॉर्फ्रिन ब्लड क्लौटिग (खून का जमना) के समय को कम कर देता है और खून को जमने से बचाता है। तो इसका सबसे आम उपयोग रक्त को पतला करना है ।
यह गहरी शिरा घनास्त्रता (गहरी शिरा में खून का थक्का के गठन) और फुफ्फुसीय अन्त: शल्यता (फेफड़ों में धमनी की रुकावट) की तरह की स्थिति में रक्त के थक्के के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह उन लोगों में स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने से बचाता है जिन्हें अलिंद (अनियमित दिल ताल), वाल्वुलर हृदय रोग, हाल ही में दिल का दौरा या कृत्रिम दिल के वाल्व के रिप्लेसमेंट सर्जरी और आर्थोपेडिक सर्जरी हुई हो ।
सबसे आम साइड इफ़ेक्ट खून का बहना है। जब अन्य थक्का-रोधी के साथ प्रयोग किया जाता है, तो इससे उच्च रक्तचाप और गुर्दे का ठीक से काम ना करना जैसे साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं।
दुर्लभ रूप से देखे जाने वाले साइड इफेक्ट्स निम्न हैं:
वॉर्फ्रिन का जरुरत से ज्यादा सेवन कई तरह की गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है जैसे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में रक्त स्त्राव।
वॉर्फ्रिन हीमोफिलिया और एनीमिया या इसी तरह की चिकित्सा के इतिहास के रोगियों में हनिकारका सिद्ध होता है ।
इसके अलावा यह उन व्यक्तियों को नहीं दिया जाना चाहिए, जिन्हें पेट / आंतों से खून बहने की बीमारी हो (पेट और आंतों के अल्सर), हाल ही में बड़ी सर्जरी और यकृत रोग जैसी समस्याएं हों । गर्भावस्था के दौरान इसको उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे गर्भपात, मृत बच्चे का जन्म , नवजात की मौत, अपरिपक्व जन्म और बच्चे में जन्म से दोष जैसे स्थितियां उत्पन हो सकती हैं ।
वॉर्फ्रिन ब्लड क्लौटिग (खून का जमना) के समय को कम कर देता है और खून को जमने से बचाता है। तो इसका सबसे आम उपयोग रक्त को पतला करना है ।
यह गहरी शिरा घनास्त्रता (गहरी शिरा में खून का थक्का के गठन) और फुफ्फुसीय अन्त: शल्यता (फेफड़ों में धमनी की रुकावट) की तरह की स्थिति में रक्त के थक्के के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह उन लोगों में स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने से बचाता है जिन्हें अलिंद (अनियमित दिल ताल), वाल्वुलर हृदय रोग, हाल ही में दिल का दौरा या कृत्रिम दिल के वाल्व के रिप्लेसमेंट सर्जरी और आर्थोपेडिक सर्जरी हुई हो ।
सबसे आम साइड इफ़ेक्ट खून का बहना है। जब अन्य थक्का-रोधी के साथ प्रयोग किया जाता है, तो इससे उच्च रक्तचाप और गुर्दे का ठीक से काम ना करना जैसे साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं।
दुर्लभ रूप से देखे जाने वाले साइड इफेक्ट्स निम्न हैं:
वॉर्फ्रिन का जरुरत से ज्यादा सेवन कई तरह की गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है जैसे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में रक्त स्त्राव।
वॉर्फ्रिन हीमोफिलिया और एनीमिया या इसी तरह की चिकित्सा के इतिहास के रोगियों में हनिकारका सिद्ध होता है ।
इसके अलावा यह उन व्यक्तियों को नहीं दिया जाना चाहिए, जिन्हें पेट / आंतों से खून बहने की बीमारी हो (पेट और आंतों के अल्सर), हाल ही में बड़ी सर्जरी और यकृत रोग जैसी समस्याएं हों । गर्भावस्था के दौरान इसको उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे गर्भपात, मृत बच्चे का जन्म , नवजात की मौत, अपरिपक्व जन्म और बच्चे में जन्म से दोष जैसे स्थितियां उत्पन हो सकती हैं ।